पीड़िता के साथ केडी सिंह फाउंडेशन

देश में हो रहे महिलाओं के खिलाफ हमले से मैं बेहद चिंतित हूं, शोर शराबे से हटकर इस मामले में कुछ ठोस करना चाहता हूं, जिससे महिलाओं के खिलाफ होने वाले हमलों का डटकर सामना किया जा सके, और दोषियों को सजा दिलाई जा सके।

यह एक बेहतर और सभ्य समाज के निमार्ण के लिए जरूरी है कि महिलाएं बिना किसी भय के सामाजिक और आर्थिक स्तर पर योगदान के लिए आगे आएं।

महिलाओं के खिलाफ हो रहे हमलों को रोकने के लिए मेरे मन में एक योजना आकार ले चुकी थी, इसकी  घोषणा मैंने 14 अप्रैल 2013 को कुरूक्षेत्र रैली में की, इसे कार्यरूप देने के लिए मैंने केडी सिंह फाउंडेशन का गठन किया, जिसके अन्तर्गत “बलात्कार पीड़ितों के लिए समर्थन सेल” बनाया गया है,  साथ ही पीड़िता सीधे फाउंडेशन से संपर्क कर सके, इसके लिए एक हेल्प लाइन नम्बर 9560133232 जारी किया गया है। तीन सूत्री कार्यक्रम के तहत दुष्कर्म पीड़िता को फाउंडेशन की ओर से मेडिकल, कानूनी और पुनर्वास संबंधित मदद निःशुल्क की जाती है।

पहल का असर हुआ, और हेल्प लाइन के जरिए  पानीपत के गांव सिठाना निवासी ने हमारी टीम से संपर्क किया, पेशे से खेतीहर मजदूर , धानुक जाति के इस परिवार की एक बच्ची,  जिसकी उम्र 14 साल है, सितम्बर 2012 में उसके पड़ोसी ने  दुष्कर्म कर उसे छत से ढ़केलकर हत्या करने की कोशिश की। किस्मत से बच्ची की जान तो बच गई, लेकिन उसकी रीढ़ की हड्डी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और पीड़िता कोमा में चली गई।

इस मामले में 28 जनवरी 2013 को एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी आजतक नहीं हुई। पीड़ित परिवार सरकार और पुलिस की अनदेखी से हैरान परेशान था, ऐसे में उन्हें केडी सिंह फाउंडेशन में एक उम्मीद की किरण दिखी। परिवारवालों ने फाउंडेशन से सम्पर्क किया।

फाउंडेशन की निगरानी में पीड़िता का इलाज गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में चल रहा है, जरूरी ऑपरेशन सहित सारे खर्च फाउंडेशन वहन कर रही है, पीड़िता की हालत में तेजी से सुधार हुआ है, लेकिन अब भी उसे उठने-बैठने के लिए सहारे की जरुरत पड़ती है। पूरी तरह से स्वस्थ होने में समय लगेगा।

घटना को हुए नौ महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अब भी आरोपी खुलेआम घूम रहा है, इसे देखते हुए फाउंडेशन ने अपनी तरफ से एक वकील नियुक्त किया है, जिससे पीड़िता का पक्ष न्यायालय में तर्कसंगत तरीके से रखा जा सके, और जल्द से जल्द दोषियों को सजा और पीड़िता को न्याय मिल सके।

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